अक्षय गोजा
बिना मौत शायद जुदाई न होती
वो लाचारी भी, वो रुलाई न होती
टी.वी. पर ऐसी बेहयाई न होती
तो दुध-पीतों में आशनाई न होती
अगर झूठ ही साथ देता हमेशा
किसी जिन्दगी में सचाई न होती
अगर होता वश में सभी कुछ हमारे
जगत में खुदा की बड़ाई न होती
जमाने की हवा में जो बहते हम भी
तो आदर्श के हित लड़ाई न होती
**********************************
बिना मौत शायद जुदाई न होती
वो लाचारी भी, वो रुलाई न होती
टी.वी. पर ऐसी बेहयाई न होती
तो दुध-पीतों में आशनाई न होती
अगर झूठ ही साथ देता हमेशा
किसी जिन्दगी में सचाई न होती
अगर होता वश में सभी कुछ हमारे
जगत में खुदा की बड़ाई न होती
जमाने की हवा में जो बहते हम भी
तो आदर्श के हित लड़ाई न होती
**********************************
Comments