सीमा सचदेव
अपनी ही सोचों में गुम
एक
मध्मय-वर्गीय परिवार की लड़की
सुशील
गुणवती
पढ़ी-लिखी
कमाऊ-घरेलू
होशियार
संस्कारी
ईश्वर में आस्था
तीखी नाक
नुकीली आँखें
चौड़ा माथा
लंबा कद
दुबली-पतली
गोरा-रंग
छोटा परिवार
अच्छा खानदान
शौहरत
इज़्ज़त
जवानी
सब कुछ...........
सब कुछ तो है उसके पास
परंतु
परंतु, वह सुंदर नहीँ हो सकती
क्यों?
क्योंकि..........................
वक्त और हालात के
थपेड़ों के
उसके चेहरे पर निशान हैं
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अपनी ही सोचों में गुम
एक
मध्मय-वर्गीय परिवार की लड़की
सुशील
गुणवती
पढ़ी-लिखी
कमाऊ-घरेलू
होशियार
संस्कारी
ईश्वर में आस्था
तीखी नाक
नुकीली आँखें
चौड़ा माथा
लंबा कद
दुबली-पतली
गोरा-रंग
छोटा परिवार
अच्छा खानदान
शौहरत
इज़्ज़त
जवानी
सब कुछ...........
सब कुछ तो है उसके पास
परंतु
परंतु, वह सुंदर नहीँ हो सकती
क्यों?
क्योंकि..........................
वक्त और हालात के
थपेड़ों के
उसके चेहरे पर निशान हैं
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