Skip to main content

Posts

Showing posts from 2019

कथाकार मेराज अहमद से फ़ीरोज़ अहमद की बातचीत-2

आप   अपनी   रचनाओं   की   पृष्ठभूमि   के   संदर्भ   में   थोड़ा - सा   बताइए।              आपको   पता   भी   है   कि   अब   तक   मेरे   तीन   कहानी - संग्रह ,  एक   उपन्यास   और   तीन   आलोचनात्मक   पुस्तक   प्रकाशित   हैं।   शोध   आलेख ,  आलेख   समीक्षाएं   और   मेरे   ब्लाग   जो   अब   साइट   में   तब्दील   हो   चुका   है   उसपर   भी   थोड़ी   सामग्री   है।   एक   उपन्यास   पर   काम   चल   रहा   हैं   हालांकि   जो   गति   होनी   चाहिए   थी   वह   है   नहीं।   जहाँ   तक   पृष्ठभूमि   का   सवाल   है   तो   मैं   ग्रामीण   पृष्ठभूमि   से   आया   हूँ ,  हालांकि   शहर   में   रहते   हुए   बहुत   दिन   हो   गए   लेकिन   संस्कार   ग्रामीण   ही   हैं।   स्वाभाविक   भी   है   क्योंकि   संस्कार   के   निर्मिति   की   आयु   अट्ठारह   से   बीस   वर्ष   तक   की   ही   होती   है।   वह   समय   मेरा   मुख्य   रूप   से   गाँव   में   ही   बीता   इसलिए   मेरी   रचनाओं   में   ग्रामीण   जीवन   और   समाज   की   अभिव्यक्ति   ही   हुई   है।   सच्ची   बात   तो   यह   है   की   इतना   लंबा   अरसा   शहर   म