नदीम अहमद
''भाई साहब! मेरे घर पर लगा बिजली मीटर बिल्कुल ठीक काम कर रहा था। दो महीने पहले ही मैंने नया मकान खरीदा है, पूर्व मकान मालिक भी शरीफ और ईमानदार है। बिजली मीटर से कभी भी छेड़छाड़ नहीं की गई थी लेकिन मेरे द्वारा मकान खरीदते ही मुझे बिजली खर्च का औसत बिल थमा दिया गया है।''
त्रुटि सुधार के लिए पिछले एक महीने से बिजली विभाग के चक्कर काट रहे उस शख्स ने वहीं पर आए हुए अपने दोस्त से यह सब कहा। दोस्त ने लापरवाह अंदाज में कहा, ''इतना परेशान होने की बजाय मीटर रीडर की थोड़ी सेवा कर दी होती तो आज यह नौबत नहीं आती।''
''भाई साहब! मेरे घर पर लगा बिजली मीटर बिल्कुल ठीक काम कर रहा था। दो महीने पहले ही मैंने नया मकान खरीदा है, पूर्व मकान मालिक भी शरीफ और ईमानदार है। बिजली मीटर से कभी भी छेड़छाड़ नहीं की गई थी लेकिन मेरे द्वारा मकान खरीदते ही मुझे बिजली खर्च का औसत बिल थमा दिया गया है।''
त्रुटि सुधार के लिए पिछले एक महीने से बिजली विभाग के चक्कर काट रहे उस शख्स ने वहीं पर आए हुए अपने दोस्त से यह सब कहा। दोस्त ने लापरवाह अंदाज में कहा, ''इतना परेशान होने की बजाय मीटर रीडर की थोड़ी सेवा कर दी होती तो आज यह नौबत नहीं आती।''
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