देवमणि पाण्डेय
जो इंसां बदनाम बहुत है
यारो उसका नाम बहुत है.
दिल की दुनिया महकाने को
एक तुम्हारा नाम बहुत है.
लिखने को इक गीत नया सा
इक प्यारी सी शाम बहुत है.
सोच समझ कर सौदा करना
मेरे दिल का दाम बहुत बहुत है.
दिल की प्यास बुझानी हो तो
आंखों का इक जाम बहुत है.
तुमसे बिछड़कर हमने जाना
ग़म का भी ईनाम बहुत है.
इश्क़ में मरना अच्छा तो है
पर ये क़िस्सा आम बहुत है.
द्वारा - चाँद शुक्ला हदियाबादीwww.radiosabrang.com
जो इंसां बदनाम बहुत है
यारो उसका नाम बहुत है.
दिल की दुनिया महकाने को
एक तुम्हारा नाम बहुत है.
लिखने को इक गीत नया सा
इक प्यारी सी शाम बहुत है.
सोच समझ कर सौदा करना
मेरे दिल का दाम बहुत बहुत है.
दिल की प्यास बुझानी हो तो
आंखों का इक जाम बहुत है.
तुमसे बिछड़कर हमने जाना
ग़म का भी ईनाम बहुत है.
इश्क़ में मरना अच्छा तो है
पर ये क़िस्सा आम बहुत है.
द्वारा - चाँद शुक्ला हदियाबादीwww.radiosabrang.com
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