नदीम अहमद
हाजी गफूर साहब कई दिनों से सत्तार भाई की लड़की की शादी अपने भतीजे के साथ करने के प्रस्ताव के सिलसिले में उनके घर आते रहे हैं। लेकिन आज सत्तार भाई का जवाब सुनकर उनके पैरों के नीचे से जमीन ही खिसक गई।
''हाजी साहब! आपका भतीजा पढ़ा लिखा है। खानदान बहुत अच्छा है। सब....कुछ.....ठीक, दरअस्ल हाजी साहब आजकल लड़कियां भी पढ़ी-लिखी होने के कारण अपनी पसंद....''
सत्तार भाई भूमिका बांधकर भी मूल बात करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। बाद में एक ही सांस में सबकुछ कह गए।
''आपका भतीजा लम्बी दाढ़ी रखता है और टोपी पहनता है। इसलिए लड़की ने......।''
हाजी गफूर साहब कई दिनों से सत्तार भाई की लड़की की शादी अपने भतीजे के साथ करने के प्रस्ताव के सिलसिले में उनके घर आते रहे हैं। लेकिन आज सत्तार भाई का जवाब सुनकर उनके पैरों के नीचे से जमीन ही खिसक गई।
''हाजी साहब! आपका भतीजा पढ़ा लिखा है। खानदान बहुत अच्छा है। सब....कुछ.....ठीक, दरअस्ल हाजी साहब आजकल लड़कियां भी पढ़ी-लिखी होने के कारण अपनी पसंद....''
सत्तार भाई भूमिका बांधकर भी मूल बात करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। बाद में एक ही सांस में सबकुछ कह गए।
''आपका भतीजा लम्बी दाढ़ी रखता है और टोपी पहनता है। इसलिए लड़की ने......।''
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