डॉ० जगत सिंह बिष्ट समकालीन हिंदी कहानी साहित्य में शैलेश मटियानी एक महत्त्वपूर्ण नाम है। हिंदी कहानी साहित्य के कथा सम्राट प्रेमचंद के बाद सर्वाधिक कहानी रचनाएँ शैलेश ने ही दी है। इनके समय-समय पर करीब ३० कहानी-संग्रह प्रकाशित हुए थे। अब शैलेश मटियानी की संपूर्ण कहानियाँ, उनके पुत्र राकेश मटियानी के संपादकत्व में प्रकल्प प्रकाशन, इलाहाबाद से पाँच खंडों में प्रकाशित हो चुकी है जिसमें शैलेश मटियानी की करीब २५० कहानियाँ संगृहीत है। शैलेश मटियानी का कहानी साहित्य व्यापक जीवन संदर्भों का वाहक है क्योंकि इनके कहानी साहित्य के वृत के अंतर्गत विविध क्षेत्रों, वर्गों और संप्रदायों संबद्ध जीवन संदर्भों का चित्रण हुआ है किंतु इनके कहानी साहित्य में भारतीय समाज के दबे, कुचले, शोषित, उपेक्षित और हाशिए के निम्न वर्गीय जीवन संदर्भों का सर्वाधिक निरूपण हुआ है। वस्तुतः शैलेश मटियानी के कहानी साहित्य में चित्रित यह निम्न वर्ग कुमाऊँ के अंचल से लेकर छोटे-बड़े नगरों एवं महानगरों से संबद्ध है। किंतु इनकी कहानियों में चित्रित उपेक्षित, पीड़ित, शोषित और दबा-कुचला वर्ग चाहे जिस क्षेत्र, वर्ग, संप्रदाय से संबद्ध ...