फ़िराक़ गोरखपुरी
बदलता है जिस तरह पहलू ज़माना
यूँ ही भूल जाना, यूँ ही याद आना
अजब सोहबतें हैं मोहब्बतज़दों1 की
न बेगाना कोई, न कोई यगाना2
फुसूँ3 फूँक रक्खा है ऐसा किसी ने
बदलता चला जा रहा है ज़माना
जवानी की रातें, मोहब्बत की बातें
कहानी-कहानी, फ़साना-फ़साना
तुझे याद करता हूँ और सोचता हूँ
मोहब्बत है शायद तुझे भूल जाना
1.प्रेम के मारे हुए, 2. आत्मीय, 3. जादू
बदलता है जिस तरह पहलू ज़माना
यूँ ही भूल जाना, यूँ ही याद आना
अजब सोहबतें हैं मोहब्बतज़दों1 की
न बेगाना कोई, न कोई यगाना2
फुसूँ3 फूँक रक्खा है ऐसा किसी ने
बदलता चला जा रहा है ज़माना
जवानी की रातें, मोहब्बत की बातें
कहानी-कहानी, फ़साना-फ़साना
तुझे याद करता हूँ और सोचता हूँ
मोहब्बत है शायद तुझे भूल जाना
1.प्रेम के मारे हुए, 2. आत्मीय, 3. जादू
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