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परिचय

SEEMA

सन्नाटे ने श्रृंगार किया है,
पल पल दिन और रैन का
संध्या की हर साँस है घायल
गुमसुम से सब चाँद सितारे
कोपभवन में छुपी चांदनी
अंगना सुना चंचल नैन का
खुशियों का बाजार लुट गया
निष्प्राण हुआ मन का मुख्यालय
रीता है भावों का बर्तन
परिचय मिले न सुख चैन का
सन्नाटे ने श्रृंगार किया है....

Comments

Film Wishes said…
Nice blog you got there.

If you like to watch Asian movies welcome to check out mine, updates daily!

Film Asia
http://filmasia.blogspot.com
बहुत अच्‍छी रचना है फिरोज साहब सीमा जी को बधाई और आपको भी

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