सीमा गुप्ता
जूनून की बात निकली है तो मेरी बात भी सुन लो,
जूनून-ऐ-इश्क सच्चा है तो फिर हारा नहीं करता
मुक़द्दस है जगह वो क्यूंकि घर माशूक का है वो,
कोई मजनूँ कभी भी अपना दिल मारा नहीं करता
तजस्सुस यह के वोह बोलेगा सच या झूट बोलगा,
जूनून में रह के कोई काम यह सारा नही करता
वो मजनू है और उसके दिल में ही है बसी लैला,
हर एक हूरे नज़र पर अपना दिल वारा नहीं करता
जूनून की बात निकली है तो मेरी बात भी सुन लो,
जूनून-ऐ-इश्क सच्चा है तो फिर हारा नहीं करता
मुक़द्दस है जगह वो क्यूंकि घर माशूक का है वो,
कोई मजनूँ कभी भी अपना दिल मारा नहीं करता
तजस्सुस यह के वोह बोलेगा सच या झूट बोलगा,
जूनून में रह के कोई काम यह सारा नही करता
वो मजनू है और उसके दिल में ही है बसी लैला,
हर एक हूरे नज़र पर अपना दिल वारा नहीं करता
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