सीमा गुप्ता
वो पूछते हैं मुझसे किस हद तक प्यार है,
मैंने कहा जहाँ तक ये अनंत नीला आकाश है,
वो पूछते हैं किसका तुम्हारे दिल पे इख्तियार है ,
मैंने कहा जिसका दर्द मेरे दिल मे शुमार है
वो पूछते हैं किस तोहफे का तुमको इन्तजार है ,
मैंने कहा उसका तसुब्ब्र्र जिसके लिए दिल बेकरार है
वो पूछते है मेरा साथ कहाँ तक निभाना है ,
मैंने कहा जहाँ तक चमकते सितारों का संसार है
वो पूछते है , मैं किस तरह ऐतबार करू तुम पर ,
मैंने कहा मेरा वजूद ख़ुद मे एक ऐतबार है...!
वो पूछते हैं मुझसे किस हद तक प्यार है,
मैंने कहा जहाँ तक ये अनंत नीला आकाश है,
वो पूछते हैं किसका तुम्हारे दिल पे इख्तियार है ,
मैंने कहा जिसका दर्द मेरे दिल मे शुमार है
वो पूछते हैं किस तोहफे का तुमको इन्तजार है ,
मैंने कहा उसका तसुब्ब्र्र जिसके लिए दिल बेकरार है
वो पूछते है मेरा साथ कहाँ तक निभाना है ,
मैंने कहा जहाँ तक चमकते सितारों का संसार है
वो पूछते है , मैं किस तरह ऐतबार करू तुम पर ,
मैंने कहा मेरा वजूद ख़ुद मे एक ऐतबार है...!
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