Poornima Chaturvedi
ये हवाएं तेरी ज़मीन से आई थी
मेरी मिट्टी मे नही था बेवफा होना
मेरे घर की तासीर कड़वी ही सही, मगर
मैंने सिखा नही था मिश्री से ज़हर होना
ढूंढते कोई और बहाना दूर होने का
मुझे तो आता ही नही था तुझसे ख़फा होना
ये वक्त का तकाज़ा था या तादीर मेरी
पानी मे लिखा था मेरा धुंवा होना
अब मैं मैखाने के जानिब ही जाऊंगा
बहुत हो चुका अब मेरा ख़ुदा होना
खेल ही खेल मे हालात बदल जाएंगे
हमको मालूम न था यूँ दाना होना
दिल की हसरत निगाहों से कही थी हमने
उल्फत ने जाना नही था अभी ज़ुबां होना
ये हवाएं तेरी ज़मीन से आई थी
मेरी मिट्टी मे नही था बेवफा होना
मेरे घर की तासीर कड़वी ही सही, मगर
मैंने सिखा नही था मिश्री से ज़हर होना
ढूंढते कोई और बहाना दूर होने का
मुझे तो आता ही नही था तुझसे ख़फा होना
ये वक्त का तकाज़ा था या तादीर मेरी
पानी मे लिखा था मेरा धुंवा होना
अब मैं मैखाने के जानिब ही जाऊंगा
बहुत हो चुका अब मेरा ख़ुदा होना
खेल ही खेल मे हालात बदल जाएंगे
हमको मालूम न था यूँ दाना होना
दिल की हसरत निगाहों से कही थी हमने
उल्फत ने जाना नही था अभी ज़ुबां होना
Comments
हमको मालूम न था यूँ दाना होना
दिल की हसरत निगाहों से कही थी हमने
उल्फत ने जाना नही था अभी ज़ुबां होना
vaah bahut khub.