VIJAY KUMAR SAPPATTI
मेरी मौनता को एक अंजानी भाषा देना ,
जिसे सब समझ सके , ऐसी परिभाषा देना ;
मेरी मौनता को एक अंजानी भाषा देना.
मेरी मौनता को एक अंजानी भाषा देना ,
ताकि ,मैं अपने शब्दों को एकत्रित कर सकूँ
अपने मौन आक्रोश को निशांत दे सकूँ,
मेरी कविता स्वीकार कर मुझमे प्राण फूँक देना
मेरी मौनता को एक अंजानी भाषा देना ,
मेरी मौनता को एक अंजानी भाषा देना ,
ताकि मैं अपनी अभिव्यक्ति को जता सकूँ
इस जग को अपनी उपस्तिथि के बारे में बता सकूँ
मेरी इस अन्तिम उद्ध्ङ्तां को क्षमा कर देना
मेरी मौनता को एक अंजानी भाषा देना ,
मेरी मौनता को एक अंजानी भाषा देना ,
ताकि ,मैं अपना प्रणय निवेदन कर सकूँ
अपनी प्रिये को समर्पित , अपना अंतर्मन कर सकूँ
मेरे नीरस जीवन में आशा का संचार कर देना
मेरी मौनता को एक अंजानी भाषा देना ,
मेरी मौनता को एक अंजानी भाषा देना ,
ताकि ,मैं मुझमे जीवन की अनुभूति कर सकूँ
स्वंय को अन्तिम दिशा में चलने पर बाध्य कर सकूँ
मेरे गूंगे स्वरों को एक मौन राग दे देना
मेरी मौनता को एक अंजानी भाषा देना ,
मेरी मौनता को एक अंजानी भाषा देना ,
जिसे सब समझ सके , ऐसी परिभाषा देना ;
मेरी मौनता को एक अंजानी भाषा देना.
मेरी मौनता को एक अंजानी भाषा देना ,
ताकि ,मैं अपने शब्दों को एकत्रित कर सकूँ
अपने मौन आक्रोश को निशांत दे सकूँ,
मेरी कविता स्वीकार कर मुझमे प्राण फूँक देना
मेरी मौनता को एक अंजानी भाषा देना ,
मेरी मौनता को एक अंजानी भाषा देना ,
ताकि मैं अपनी अभिव्यक्ति को जता सकूँ
इस जग को अपनी उपस्तिथि के बारे में बता सकूँ
मेरी इस अन्तिम उद्ध्ङ्तां को क्षमा कर देना
मेरी मौनता को एक अंजानी भाषा देना ,
मेरी मौनता को एक अंजानी भाषा देना ,
ताकि ,मैं अपना प्रणय निवेदन कर सकूँ
अपनी प्रिये को समर्पित , अपना अंतर्मन कर सकूँ
मेरे नीरस जीवन में आशा का संचार कर देना
मेरी मौनता को एक अंजानी भाषा देना ,
मेरी मौनता को एक अंजानी भाषा देना ,
ताकि ,मैं मुझमे जीवन की अनुभूति कर सकूँ
स्वंय को अन्तिम दिशा में चलने पर बाध्य कर सकूँ
मेरे गूंगे स्वरों को एक मौन राग दे देना
मेरी मौनता को एक अंजानी भाषा देना ,
Comments