हस्सान अहमद
वो बच्चा अब भी रोता है
जिसे कुंती ने जन्मा था
मगर दुनिया के डर से
उसको दरिया में बहा आयी
तो एक उम्मीद थी उसको
कि शायद रहम दिल कोई
उठाकर अपने दामन में
उसे पालेगा पोसेगा
मगर अफसोस ऐ दुनिया
न कोई उसका वारिस है
न कोई ग़म गुसार उसका
जरा तुम आंख तो खोलो
कि तुम भी देख सकती हो
वह बच्चा अब भी रोता है
किसी फुटपाथ पर बैठा
वो बच्चा अब भी रोता है
जिसे कुंती ने जन्मा था
मगर दुनिया के डर से
उसको दरिया में बहा आयी
तो एक उम्मीद थी उसको
कि शायद रहम दिल कोई
उठाकर अपने दामन में
उसे पालेगा पोसेगा
मगर अफसोस ऐ दुनिया
न कोई उसका वारिस है
न कोई ग़म गुसार उसका
जरा तुम आंख तो खोलो
कि तुम भी देख सकती हो
वह बच्चा अब भी रोता है
किसी फुटपाथ पर बैठा
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नीरज