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कविता

इला प्रसाद

अँधेरे और उदासी की बात करना
मुझे अच्छा नहीं लगता।
निराशा और पराजय का साथ करना
मुझे अच्छा नहीं लगता,
इसलिए यात्रा में हूँ।
अँधेरे में उजाला भरने
और पराजय को जय में बदलने के लिए
चल रही हूँ लगातार...

Comments

bahut sundar bhaav,

jeevan chalne ka hi naam hai ..

badhai

vijay

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लोकतन्त्र के आयाम

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हिन्दी साक्षात्कार विधा : स्वरूप एवं संभावनाएँ

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