प्रदीप सौरभ कृत तीसरी ताली
Tesri Tali
अनुक्रम
सम्पादकीय/3
डॉ. बृजबाला सिंह
‘तीसरी ताली’ से खुलती दुनिया/7
डॉ. विमलेश शर्मा
वर्जित दुनिया के खरे सच की सटीक अभिव्यक्ति- तीसरी ताली/12
डॉ. कविश्री जायसवाल
सामाजिक विकृतियों का स्पंदन : तीसरी ताली/17
डॉ. भारती अग्रवाल
तीसरी ताली- समस्याएँ और संभावनाएँ/21
डॉ. श्यामसुंदर पाण्डेय
थर्ड जेण्डर की मार्मिक गाथा : तीसरी ताली/29
सुंदरम शांडिल्य
तीसरी लोगों की दुनिया की अन्तर्कथा/33
पार्वती कुमारी
किन्नरों के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण
सन्दर्भ ‘तीसरी ताली’/38
अनुराधा
तीसरी ताली की करुण ध्वनि/41
सविता रानी
निष्कासित अनुभूतियों के सूक्ष्मतर संदर्भ : तीसरी ताली/45
यशपाल सिंह राठौड़
किन्नर जाति की विभीषिका का साक्ष्य : तीसरी ताली/49
सुशील कुमार
आजीविका और अस्मिता की तलाश में जद्दोजहद करते ‘तीसरी ताली’ के लोग/55
हीरालाल नागर
कथा की तीसरी ताल/58
डॉ. विजेंद्र प्रताप सिंह
‘तीसरी ताली’ के वैचारिक सरोकार/60
डॉ. किरण ग्रोवर
‘तीसरी ताली’ की थाप पर प्रतिध्वनित तीसरी दुनिया के किन्नरों की व्यथा’/68
डॉ. रमाकान्त राय
हाशिया से दस्तक देती और छटपटाती ‘तीसरी ताली’/74
डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा
एक समांतर दुनिया की अपरिहार्य त्रासदी : ‘तीसरी ताली’/79
Tesri Tali
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सम्पादकीय/3
डॉ. बृजबाला सिंह
‘तीसरी ताली’ से खुलती दुनिया/7
डॉ. विमलेश शर्मा
वर्जित दुनिया के खरे सच की सटीक अभिव्यक्ति- तीसरी ताली/12
डॉ. कविश्री जायसवाल
सामाजिक विकृतियों का स्पंदन : तीसरी ताली/17
डॉ. भारती अग्रवाल
तीसरी ताली- समस्याएँ और संभावनाएँ/21
डॉ. श्यामसुंदर पाण्डेय
थर्ड जेण्डर की मार्मिक गाथा : तीसरी ताली/29
सुंदरम शांडिल्य
तीसरी लोगों की दुनिया की अन्तर्कथा/33
पार्वती कुमारी
किन्नरों के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण
सन्दर्भ ‘तीसरी ताली’/38
अनुराधा
तीसरी ताली की करुण ध्वनि/41
सविता रानी
निष्कासित अनुभूतियों के सूक्ष्मतर संदर्भ : तीसरी ताली/45
यशपाल सिंह राठौड़
किन्नर जाति की विभीषिका का साक्ष्य : तीसरी ताली/49
सुशील कुमार
आजीविका और अस्मिता की तलाश में जद्दोजहद करते ‘तीसरी ताली’ के लोग/55
हीरालाल नागर
कथा की तीसरी ताल/58
डॉ. विजेंद्र प्रताप सिंह
‘तीसरी ताली’ के वैचारिक सरोकार/60
डॉ. किरण ग्रोवर
‘तीसरी ताली’ की थाप पर प्रतिध्वनित तीसरी दुनिया के किन्नरों की व्यथा’/68
डॉ. रमाकान्त राय
हाशिया से दस्तक देती और छटपटाती ‘तीसरी ताली’/74
डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा
एक समांतर दुनिया की अपरिहार्य त्रासदी : ‘तीसरी ताली’/79
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