किन्नर विमर्श के उपन्यासों का एक समीक्षात्मक विश्लेषण -
अकरम हुसैन
थर्ड जेण्डर पर केंद्रित हिंदी में अब तक ग्यारह उपन्यास प्रकाशित हो चुके है। सबसे पहले 2002 में 'यमदीप' उपन्यास आया है। इस उपन्यास के बाद कुछ कुछ अंतराल में उपन्यास प्रकाशित होते रहे है। इस तरह 2018 तक लगभग 11 उपन्यास इस
अनछुए विषय पर आ चुके है। प्रस्तुत पुस्तक में सभी 11 उपन्यासों की चर्चा सुधिलेखकों के द्वारा करना सत्य में पुस्तक की विश्वनीयता और लेखकों की पैनी दृष्टि इस पुस्तक को किन्नर विमर्श के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी।
अनछुए विषय पर आ चुके है। प्रस्तुत पुस्तक में सभी 11 उपन्यासों की चर्चा सुधिलेखकों के द्वारा करना सत्य में पुस्तक की विश्वनीयता और लेखकों की पैनी दृष्टि इस पुस्तक को किन्नर विमर्श के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी।
'यमदीप, किन्नर कथा, तीसरी ताली, मैं भी औरत हूं , मैं क्यों नही, ग़ुलाम मण्डी, मैं पायल..., नाला सोपारा, ज़िन्दगी 50-50, अस्तित्त्व और दरमियाना' पर विभिन्न समीक्षकों/विद्वानों ने अपनी अपनी अचूक दृष्टि और बोद्धिकता के धरातल उपन्यासों का विश्लेषण किया है।
हाल ही में दो उपन्यासों (अस्तित्त्व और दरमियाना) प्रकाशित हुआ है। अस्तित्त्व पर तीन शोध आलेख और दरमियाना पर पाँच आलेख इस पुस्तक में प्रकाशित किया गया है। इसी पुस्तक में कुछ महत्त्वपूर्ण रचनाकारों के साक्षात्कार भी है इसलिए यह पुस्तक शोधार्थियों और पाठकों के लिए आवश्यक प्रतीत होती है
किन्नर विमर्श के उपन्यासों का एक समीक्षात्मक विश्लेषण
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