दरमियाना डॉ. एम. फ़ीरोज़ खान डॉ. मो. शमीम हिंदी में थर्ड जेण्डर पर केन्द्रित उपन्यास लेखन की परम्परा 2002 ई. से हुई है। इस विषय पर सर्वप्रथम उपन्यास नीरजा माधव कृत यमदीप लिखा गया है। इसके कुछ वर्षों पश्चात् और भी उपन्यास प्रकाशित हुआ है। जैसे- प्रदीप सौरभ कृत तीसरी ताली, महेन्द्र भीष्म कृत किन्नर कथा और मैं पायल..., डॉ. अनुसूया त्यागी कृत मैं भी औरत हूँ, निर्मला भुराड़िया कृत गुलाम मण्डी, चित्रा मुद्गल कृत नाला सोपारा, भगवंत अनमोल कृत ज़िंदगी 50-50, गिरिजा भारती कृत अस्तित्व और सुभाष अखिल कृत दरमियाना उपन्यास प्रकाशित हो चुका है। कथाकार सुभाष अखिल कृत दरमियाना उपन्यास (अमन प्रकाशन, कानपुर) 2018 में प्रकाशित हुआ है। यह उपन्यास थर्ड जेण्डर को केंद्र में रखकर लिखा गया है। थर्ड जेण्डर समुदाय की संस्कृति, वेशभूषा, भाषा, रहन-सहन व उनको हाशिये पर लाने के कारणों का विस्तार से वर्णन करता है। कथाकार ने इस उपन्यास को पाँच अध्यायों में विभक्त किया है। तारा और रेशमा से प्रारम्भ होकर दिल्ली के गलियारों में राजनैतिक उठा-पटक के साथ यह उपन्यास अपने अहम्-बिंदु को रेखांकित करती है।...