सीमा गुप्ता मेरे एहसास में तू रहती है, मेरे जज्बात में तू रहती है आँखों मे सपना की जगह मेरे ख़यालात में तू रहती है लोग समझते हैं के वीराना है पर मेरे साथ में तू रहती है दम घुटता है जब रुसवाई मे , मेरी हर साँस मे तू रहती है दुख का दर्पण , विरहन सा मन मेरे हर हालात मे तू रहती है
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