नदीम अहमद नदीम
काफ़ी देर तक दोनों चुपचाप बैठे रहे।
पतिदेव बार-बार टी.वी. चैनल बदल रहे थे। फिर झुंझलाकर टी.वी. बंद ही कर दिया।
आख़िर तुम्हीं बताओ मेरी क्या ग़लती थी
पत्नी ने कहा।
ग़लती तो तुम्हारी ही थी अपनी ही बेटी को सास-श्वसुर से अलग होने की सलाह देनी ही नहीं चाहिए। ये तो हमारी बेटी समझदार थी जो तुम्हारी सलाह नहीं मानी और तुमसे झगड़ा करके चली गई। मुझे अपनी बिटिया की समझदारी पर गर्व है और तुम्हारी सोच पर शर्मिन्दा हूँ।
काफ़ी देर तक दोनों चुपचाप बैठे रहे।
पतिदेव बार-बार टी.वी. चैनल बदल रहे थे। फिर झुंझलाकर टी.वी. बंद ही कर दिया।
आख़िर तुम्हीं बताओ मेरी क्या ग़लती थी
पत्नी ने कहा।
ग़लती तो तुम्हारी ही थी अपनी ही बेटी को सास-श्वसुर से अलग होने की सलाह देनी ही नहीं चाहिए। ये तो हमारी बेटी समझदार थी जो तुम्हारी सलाह नहीं मानी और तुमसे झगड़ा करके चली गई। मुझे अपनी बिटिया की समझदारी पर गर्व है और तुम्हारी सोच पर शर्मिन्दा हूँ।
Comments