देवमणि पांडेय
दिल ने चाहा बहुत पर मिला कुछ नहीं
ज़िन्दगी हसरतों के सिवा कुछ नहीं
उसने रुसवा सरेआम मुझको किया
उसके बारे में मैंने कहा कुछ नहीं
इश्क़ ने हमको सौग़ात में क्या दिया
ज़ख़्म ऐसे कि जिनकी दवा कुछ नहीं
पढ़के देखीं किताबें मोहब्बत की सब
आँसुओं के अलावा लिखा कुछ नहीं
हर ख़ुशी मिल भी जाए तो क्या फ़ायदा
ग़म अगर न मिले तो मज़ा कुछ नहीं
ज़िन्दगी ये बता तुझसे कैसे मिलें
जीने वालों को तेरा पता कुछ नहीं
दिल ने चाहा बहुत पर मिला कुछ नहीं
ज़िन्दगी हसरतों के सिवा कुछ नहीं
उसने रुसवा सरेआम मुझको किया
उसके बारे में मैंने कहा कुछ नहीं
इश्क़ ने हमको सौग़ात में क्या दिया
ज़ख़्म ऐसे कि जिनकी दवा कुछ नहीं
पढ़के देखीं किताबें मोहब्बत की सब
आँसुओं के अलावा लिखा कुछ नहीं
हर ख़ुशी मिल भी जाए तो क्या फ़ायदा
ग़म अगर न मिले तो मज़ा कुछ नहीं
ज़िन्दगी ये बता तुझसे कैसे मिलें
जीने वालों को तेरा पता कुछ नहीं
Comments
zindagi ek fun hai lamhon ko
apne andaaz me ganwaane ka..