रजनी
अभी तक हमने केवल गांधी जी के तीन बन्दरों के बारे में सुना था जो दर्शाते थे बुरा मत कहो,बुरा मत सुनो,बुरा मत बोलो! परन्तु गांधी जी के तीन बन्दरों से अब काम नहीं चलेगा,आज के वर्तमान युग को गांधी जी के चौथे बन्दर की भी आवश्यकता है क्योंकि जब तक इन्सान बुरा सोचना नहीं छोड़ेगा तब तक इन्सान बुरा कहना,बुरा सुनना और बुरा बोलना नहीं छोड़ेगा! इन्सान की सोच पर ही उसका बोलना,कहना और सुनना निर्भर करता है!
अभी तक हमने केवल गांधी जी के तीन बन्दरों के बारे में सुना था जो दर्शाते थे बुरा मत कहो,बुरा मत सुनो,बुरा मत बोलो! परन्तु गांधी जी के तीन बन्दरों से अब काम नहीं चलेगा,आज के वर्तमान युग को गांधी जी के चौथे बन्दर की भी आवश्यकता है क्योंकि जब तक इन्सान बुरा सोचना नहीं छोड़ेगा तब तक इन्सान बुरा कहना,बुरा सुनना और बुरा बोलना नहीं छोड़ेगा! इन्सान की सोच पर ही उसका बोलना,कहना और सुनना निर्भर करता है!
Comments
"really true and nicely described"