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उपहार


 "आप मर्दों की भावना बड़ी अजीब होती है, हमेशा अपना ही स्वार्थ देखते हैं। जो अपराध स्वयं बड़े शौक से करते हैं। इस अपराध के लिए स्त्रियों को कलंकिनी या और भी गंदे शब्दों से पुकारते हैं। जबकि वास्तविकता यह है कि उसे अपराध में वह हमेशा किसी दूसरे की पत्नी या होने वाली पत्नी को ही शामिल करते हैं और स्वयं सोचते हैं कि उनको बीवी एकदम निर्दोष और स्वच्छ मिले।” 

मोहम्मद ताहिर, उपहार कहानी

Comments

Anonymous said…
सच है यह कि male dominating society कि यही रवायत है,

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