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GAZAL

बशीर बद्र

मुझसे बिछुड़ के खुश रहते हो
मेरी तरह तुम भी झूठे हो

उजले-उजले फूल खिले थे
बिलकुल जैसे तुम हँसते हो

मुझको शाम बता देती है
तुम कैसे कपड़े पहने हो

दिल का हाल पढ़ा चेहरे से
साहिल से लहरें गिनते हो

तुम तनहा दुनिया से लड़ोगे
बच्चों-सी बातें करते हो

Comments

मुझको शाम बता देती है
तुम कैसे कपड़े पहने हो
basheer badra ki ye gajal jagjeetsing ji ki aawaz main laajawaab ban gai hai ..mujhe be inthaa pasand hai..dhanyvaad
Anonymous said…
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